
आय दिन सड़कों के किनारे फुटपाथ पर व्यापारी व अन्य व्यक्ति जो मकान इत्यादि के कारण अपनी सम्पत्ति (गिट्टी इत्यादि बालू ईटा वह सब्जी व्यापार का सामान) रखकर आम पब्लिक की परेशानी बढ़ा देते हैं और ला एण्ड आर्डर को मेनटेन करने वाली शासन प्रशासन मौन होकर तमाशा देखती है इस तरह से अनावश्यक
अतिक्रमण आम जनता के परेशानी का कारण बना रहता है। इसके लिए नियमानुसार चालान की प्रक्रिया है लेकिन इसका लाभ शायद शासन-प्रशासन फुटकर कलेक्शन के रूप में उठा लेती है और वह व्यक्ति उन्हें सुविधा देकर अपना अतिक्रमण जारी रखा है हालांकि यह कुछ घंटे वह कुछ दिनों के लिए आम जनता की सेवा के लिए कहा जा सकता है कि वह अपने सामान को सड़क के किनारे रख सकता है लेकिन किसी आम जनता को अगर आए दिन परेशानी होना शुरू हो जाए तो यह नियमानुसार उठे सार्वजनिक जगह को छोड़ना चाहिए ताकि आम जनमानस की सुविधा बरकरार रहे लेकिन आए दिन इसको अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करके उसी जनता में से कुछ लोग अतिक्रमण करते रहते हैं और शासन प्रशासन की फटकार का भी कोई असर नहीं पड़ता उसी में से कुछ लोग शासन प्रशासन के व्यक्तिगत लाभ कमाते हैं और उन्हें बरकरार रखते हैं जो अतिक्रमण कारी है लेकिन इससे आम जनमानस की असुविधा का अंत नहीं हो जाता है इसके लिए नियमानुसार कार्यवाही शासन प्रशासन को समय अनुसार कार्यवाही करना चाहिए और एक दंडात्मक कार्यवाही भी करनी चाहिए ताकि आम जनमानस की सुविधा के लिए बनाई गई जगहों को अतिक्रमण मुक्त रखकर उन्हें इस सुविधा का लाभ देना चाहिए किसी व्यक्तिगत व्यक्ति को यह लाभ देकर उसके व्यापार अथवा उसके अहंकार को जिंदा रखना सही नहीं है।