
इन सवालों के मद्देनजर पूरे देश में हो या फिर गांव के किसी कोने में मजबूर होकर वह व्यक्ति जिसे समाज की चिंता है आंदोलन करने पर मजबूर हैं वह धरने पर बैठ जाता है दिन हो या रात ठंडी हो या गर्मी या बरसात सरकार के कानों में अपनी आवाज पहुंचाने के लिए अपने शरीर को दांव पर लगाता है अपने मन को दांव पर लगाता है और वह एक सुनिश्चित जगह पर बैठकर इस बात की चेष्टा करता है कि उसकी बात शासन प्रशासन व सरकार सुने क्यों है धरना जरूरी या फिर है मजबूरी यह एक प्रश्न चिन्ह है समाज के लिए जब कोई बात कहने पर ना सुनी जाए और उसके लिए एक जिम्मेदार नागरिक अथवा नेतृत्व कर्ता सारा काम धाम छोड़ कर के आंदोलनरत हो जाए या धरना पर बैठ जाए और इस बात को शासन स्तर तक पहुंचाने अथवा सरकार को बताने के लिए एक प्रयास करता है और शायद इसके बाद शायद बात सुनी जाए या अनसुनी हो जाए करो या मरो के सिद्धांत पर वह अपनी बात करता है इसी क्रम में किशुनपुरा गांव में जो धानापुर ब्लॉक में पड़ता है उस के क्रम में धरना जारी हो चुका है 10 तारीख तक के अल्टीमेटम के बाद कोआज दिनांक दस फरवरी दो हजार तेईस को चार सूत्रीय मागो को लेकर पीडब्लयूडी के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किशुनपुरा पंचायत भवन पर भारतीय किसान मजदुर सयुक्त यूनियन के कार्यकर्ता बैठे जिसकी अध्यक्षता राम अवतार यादव एवम संचालन ओमप्रकाश यादव ने किया इस अवसर पर युया मंण्डल सचिव वाराणसी अखिलेश यादव युवा तहसील अध्यक्ष सकलडीहा बिजयकान्त पसवान उर्फ गुडडू जिला सलाहकार चंदौली राकेश त्रिपाठी उर्फ बच्चा सुरेन्द्र प्रताप यादव उर्फ तहसीलदार हरबंश यादव पूर्व प्रधान जीउत पाल नितेश यादव युवा मंण्डल अध्यक्ष वाराणसी मनमन सिंह इत्यादि धरना रत हो गए हैं और जब तक बात सुनी नहीं जाती तब तक धरना रात रहेंगे अनिश्चितकालीन।