
गोरारी गांव के सैकड़ों किसानों ने रास्ते के लिए जिला मुख्यालय गेट पर चार दिन से शरणार्थी बन डेरा डाले हुए थे। आज चौथे दिन अपर जिलाधिकारी उमेश मिश्र शरणार्थी स्थल पर पहुंचे और मौके पर सदर उपाजिलाधिकारी अजय मिश्र,तहसीलदार और लेखपाल को सख्त हिदायत दी कि दो दिनों के अंदर गांव के लोगों को रास्ता और पानी निकलने की ब्यवस्था बहाल किया जाय। इस निर्देश पर तुरन्त तहसीलदार और लेखपाल मौके पर पहुंचकर,मौका मुवायना कर, लिखित रिपोर्ट अपर जिलाधिकारी को सौंपा। अपर जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को पूरा आस्वासन दिया कि 190 घरों को आने जाने और पानी निकासी की ब्यवस्था प्रशासन करेगा। मानवहित के लिए शासन प्रशासन हमेशा प्रयासरत है।जिले में किसी को दर बदर नहीं होने दिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के मंडल प्रवक्ता मणि देव चतुर्वेदी ने बताया कि अपर जिलाधिकारी के दोबारा आस्वासन पर गोरारी के पीड़ित ग्रामीणों ने धरने को स्थगित कर, सैकड़ो ग्रामीण भाकियू कार्यालय पर शरणार्थी बन डेरा डाले हुए है। अगर प्रशासन वादाखिलाफी करता है तो युनियन ग्रामीणों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री कार्यालय, वाराणसी (रविंद्रपुरी) के सामने अपनी ब्यथा सुनाने के लिए बाध्य होगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी चन्दौली प्रशासन की होगी। बता दे कि बीते दिनों गोरारी गांव में दबंगो द्वारा कुछ लोगों के घरों को बुलडोज़र द्वारा जमीदोंज कर मड़ई में आग लगा दी गयी थी। साथ ही 190 घरों के 1200 परिवार के आने-जाने के मार्ग को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया था।जिसको लेकर पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने थाना बबुरी में तहरीर दिया था। मौके से दबंग को गिरफ्तार कर,जे सी बी को सीज कर दिया गया। इस प्रकरण को लेकर पीड़ित परिवार और गाँव के लोग जिलाधिकारी ईशा दुहन से मिलकर अपनी ब्यथा सुनाई ।पीड़ित मुन्शी चौहान ने बताया कि बिना किसी नोटिस के हमारे घरों को उजाड़ा गया,सैकड़ो सालों से आने जाने वाले मार्ग को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया। जिससे घर से निकलने वाले नाबदान का पानी गलियों में इकठ्ठा होकर दुबारा घरों में वापिस होने लगा है। जिसके वजह से बच्चे बीमार हो रहे है। साथ ही मकानों के नींव में पानी लगकर कुछ घर गिरने के कगार पर है।गांव के लोगों का जीवन जीना दूभर हो गया है। हम गांव वालों को किसी ब्यक्ति विशेष की जमीन से कोई लेना देना नही है,बस प्रशासन से गुजारिश है कि 190 घरों के 1200 लोगों को आने जाने का मार्ग और पानी निकासी की ब्यवस्था करे।जो शासन-प्रशासन का कर्तब्य है,नही तो हम ग्रामीण पलायन को मजबूर होंगे। इस बात पर जिलाधिकारी ने रास्ता और पानी निकलने का पूरा आस्वासन दिया। पर लगभग 25 दिन बीत जाने पर कोई निदान नहीं हुवा। इस बीच गांव के लोग मय परिवार के साथ 23 जनवरी को पलायन कर जिला मुख्यालय पहुंचे। अपर जिलाधिकारी उमेश मिश्र और उप जिलाधिकारी सदर ने ये आस्वासन देकर सैकड़ो परिवार को वापस किया कि एक दो दिन में आप लोगों को रास्ता मिल जाएगा। जिसके लिए मौके पर तहसीलदार के नेतृत्व में एक टीम गोरारी गांव गयी और बैठक की। टीम ने सिर्फ औपचारिकता निभाई,ग्रामीणों के समस्याओं से टीम को कोई लेना देना नही था।साथ ही कहा कि रास्ता नहीं मिल पायेगा। फिर उदास ग्रामीण अपने मय परिवार के साथ 4 दिन से जिला मुख्यालय के गेट पर शरणार्थी बन, बच्चों,बहुओ,बुजुर्गों के साथ टेंट लगाकर डेरा डाले हुवे थे। मीरा देवी ने बताया कि घर गांव मे रहने लायक नही है,नाबदान का पानी घरों में घुस रहा है। हम कौन से घरों में जाये,क्या ऐसा ही घर होता है। हर बार आस्वासन पर आस्वासन मिल रह। अब तो हम भाकियू के कार्यलय पर ठहरे हुवे है। आखिर कब तक अपने ही देश मे शरणार्थी बनकर रहेंगे। हम लोग चन्दौली में तब तक डटे रहेंगे,जब तक आने जाने का रास्ता नही मिलेगा,पानी निकलने की ब्यवस्था नही होगी,तब तक हम लोगो का परिवार गांव वापस नही लौटेगा। धर्मशीला ने कहा कि किसको अपना घर प्यारा नही होता, भारत को आजाद हुवे 74 साल हो गए पर सही मायनों में आजादी नही मिली है। हम आज भी न्याय के लिए दर दर भटक रहे है। कोई सुनने वाला नहीं है,सिर्फ आस्वासन पर आस्वासन मिल रहा है। हम कामकाजी महिला है,पलायन को मजबूर है। धरने में मीरा देवी,धर्मशीला देवी,श्यामप्यारी, सूखा,शुशीला, शीला,अनारकली,रानी,चिंता,रूबी,
नीलू,निरहि, रानी, सूखा देवी, गुड़िया, उमरावती,नीरा, लौंगी, सरोजा,संतरा, मुंशी चौहान,राजेश्वर,लक्षिमन,जय सिंह,घूरे लाल,बिक्रमा चौहान,खिचडू चौहान,पराहु पासवन,कमलेश,सामु, सुभाष,बालेश्वर, राजेश,रमेश, भाई लाल,लल्लन,गोविंग,बुल्लू,गुडडू,भोनू,कुंमार ,बुध्धु चौहान युनियन के सदर अध्यक्ष कन्हैया,उपाध्यक्ष प्रभाकर मैर्या,ब्लाक अध्य्क्ष बरहनी जीउत, प्रचार मंत्री ओमबीर सिंह,सकलडीहा तहसील अध्यक्ष श्रवण,मीडिया प्रभारी रमेश यादव आदि आदि उपस्थित रहे।