
पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सरकार चिंतनीय है और पेड़ों को लगाने के लिए सक्रियता दिखा रही है लेकिन वन विभाग के निष्क्रियता के कारण अवैध कटान पेड़ों की व्यापारी अपने में तेजी लाते हैं और आए दिन पेड़ों की संख्या या कहिए संपूर्ण पेड़ वृद्धि जो हो जाती है तो उसे वन माफिया अपने तरीके से काटकर उसका इस्तेमाल करते हैं जिसमें वन विभाग में अधिकारियों और कर्मचारियों पुलिस प्रशासन इत्यादि की मौन सहमति है अथवा मजबूरी लेकिन पेड़ों की संख्या घटती जा रही है जो बड़े वृक्ष इस प्रकृति को साफ हवा पानी प्रदान करते हैं लेकिन अवैध कटान के कारण उनकी वृद्धि कम हो रही है वही सरकार की कोशिश पेड़ों को लगाने की जारी है यह एक मजाक बन चुका है कि पेड़ों के लिए हम चिंतित हैं लेकिन उनकी कटान अवैध रूप से जारी है और यह नजारा चंदौली जिले के क्षेत्रों में ज्यादा दिख रहा है पीपरी गांव के बरहनी ब्लॉक जिला चंदौली के नहरों के किनारे कटे पेड़ों की तस्वीरों से साफ हो रहा है क्या विभाग सोया रहता है या फिर उनकी सहमति है या कोई मजबूरी यह पेड कटके आरा मशीनों पर चले जाते हैं और वहां से इनकी खरीद-फरोख्त चालू है और इनको काटने वालों की भी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है हो सकता है इसमें मोटा मुनाफा हो होता होऔर उनके मोटे मुनाफे में सारे विभागों का मुनाफा सम्मिलित हो लेकिन यह मुनाफा प्रकृति के लिए खतरनाक है जिसके लिए हम और आप जिम्मेदार हैं और साथ में यह सरकार और अधिकारी भी कल को हमारा वातावरण गंभीर रूप से प्रदूषित हो जाएगा और दिल्ली जैसा नजारा यहां भी देखने को मिल सकता है इसलिए सूचना व खबरों के माध्यम से उन अधिकारियों तक यह बात बताई जा रही है शायद उनके दिमाग में यह संज्ञान हो सके कि अब हमें उनकी सुरक्षा में दिन रात एक कर देना चाहिए और भविष्य जो आने वाला है उसमें हमारे बच्चे वह उनका भविष्य सुरक्षित हो सके ऐसी कार्यवाही करने की जरूरत है।