
गोरारी गाँव के ग्रामीणों ने प्रशासन की अनदेखी को लेकर कल जिला कार्यालय पर पचासों घर के सैकड़ो पुरूष और महिलाये अपना घर बार छोड़कर परिवारों के साथ जिला मुख्यालय पर डेरा डाला। बीते दिनों गांव के दबंगो द्वारा घरों पर जे सी बी चलाकर जमीदोंज कर,कथित तौर पर जमीन हड़पने का प्रयास किया गया।साथ मे मड़ई को भी जलाया गया। गाँव मे जाने वाले मार्ग को मिट्टी डालकर बंद कर, सैकड़ों घरों से निकलने वाले नाबदान को बंद कर दिया गया। भारतीय किसान यूनियन टिकैत के मंदल प्रवक्ता ने बताया कि इसकी बकायदा शिकायत एक सप्ताह पहले जिलाधिकारी को मार्ग खोलवाने और नाबदान का पानी निकालने के लिए दिया गया था। जिलाधिकारी द्वारा आस्वासन भी दिया गया।लेकिन अवरुद्ध मार्ग को नही खोला गया,साथ ही कोई पानी निकालने की भी कोई ब्यवस्था भी नही की गई। जिससे नाबदान का पानी गली में जमा होकर वापस घरों में लौट रहा है,जिससे लोगो का घरों में रहना दूभर हो गया था।प्रशासन के इस रवैय्ये से सैकड़ों घर के परिवार,घर छोड़कर, पलायन को मजबूर है। पीड़ित निर्मल चौहान ने कहा कि कुर्सी पर बैठकर घर को जलवाया गया,घरों को तोड़ा गया। दबंग अभी भी धमकियां दे रहा
है। राजस्व विभाग द्वारा नापी किया गया तो जो घर दबंगो ने तोड़ा था,वो जमीन पीड़ित पक्ष का ही निकला।मुझे जो आर्थिक, मानसिक यातना दी गयी,उसकी जिम्मेदार कौन। जिलाध्यक्ष संतीश सिंह चौहान ने कहा कि प्रशासन ने 26 जनवरी तक का समय लिया है,अगर कोई निवारण नहीं हुवा तो युनियन कमिश्नर वाराणसी के कार्यालय को घेरने का काम करेगा,चाहे इसके लिए मुझे जेल ही क्यों न जाना पड़े। सदर अध्यक्ष कन्हैया ने कहा कि किसानों,मजदूरों, शोषितों-वंचितों की लड़ाई युनियन सड़क से संसद तक लड़ेगा। तहसील अध्यक्ष चकिया रूपेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि युनियन पलायन के मुद्दे को अंतिम सांस तक लड़ेगी। अपर जिलाधिकारी उमेश कुमार मिश्रा, उप जिलाधिकारी अजय मिश्रा के आस्वासन पर गांव के लोग वापस अपने घर लौटे। इस धरने में प्रभाकर मैर्या, जीउत मैर्या,खिचडू चौहान,निर्मल चौहान, मृत्युंजय चौहान,बिक्रम चौहान,मुंशी चौहान,मीरा देवी,सुशीला देवी,रुक्मिणी देवी,रनिया देवी,चंपा देवी आदि आदि सैकड़ो गांव के लोग मौजूद थे। सभा का संचालन मंडल प्रवक्ता मणि देव चतुर्वेदी और अध्यक्षता निर्मल चौहान ने किया
